गुरुवार, 17 मार्च 2016

आंख भर आई

आंख भर आई


मेरी फरियादों मे तेरी यादों मे,
अक्स तेरा जो दिखा तो आंख भर आई। 
दिल की तन्हाई मे तेरी रूसवाई मे, 
अक्स तेरा जो दिखा तो आंख भर आई।

तू सुन ले मेरी सदा मै तेरा हूं तेरा, 
ये मर्जी तेरी चाहे तू ये माने या न माने।। 

मेरे ईरादों मे मेरे जज़्बातों मे, 
अक्स तेरा जो दिखा तो आंख भर आई।
प्यार के सपनो मे मेरे कुछ अपनो मे, 
अक्स तेरा जो दिखा तो आंख भर आई।

तू सुन ले मेरी सदा मै तेरा हूं तेरा, 
ये मर्जी तेरी चाहे तू ये माने या न माने।। 

रब की जन्नत मे मेरी हर मन्नत मे, 
अक्स तेरा जो दिखा तो आंख भर आई।
मेरे पास आने मे दूर मुझसे जाने मे, 
अक्स तेरा जो दिखा तो आंख भर आई।

तू सुन ले मेरी सदा मै तेरा हूं तेरा, 
ये मर्जी तेरी चाहे तू ये माने या न माने।। 

1 टिप्पणी:

  1. हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं संजय भास्कर
    हार्दिक स्वागत करता हूँ !

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